वसंतोत्सव २०२३
वसंतोत्सव २०२३
२६ जनवरी, माध शुक्ल पंचमी, संवत २०७९ नववर्ष है।
शुभ वसंतागमन, विश्व के हिन्दू संकल्प ले कर हर्षाते हैं।।
संवत्सर २०७९ माध पंचमी, कलश स्थापना होती है।
पौराणिकता, सृष्टिचक्र ब्रह्म प्रथमत: प्रवर्तन किए हैं।।
यह खगोलिय चैत्र शुदी १ रविवार, इसबार वृहस्पतिवार है।
आज ग्रह-नक्षत्रों में परिवर्तन होता, हिन्दू माह कहलाता है।।
पादपों मे फूल, मंजर, कली अभी आते, हरियाली छाती है।
वातावरण में उल्लास, प्रफुल्लिता से गतिशीलता आती है।।
जैविक धर्म के प्रति आस्था वृद्धि पौराणिक, आप्त वचन है।
विष्णु का प्रथम अवतार दिवस यह, ऋचाओं में वर्णित है।।
नवरात्र प्रारंभ इसी दिन, व्रती नव वर्ष शुभारंभ करते हैं।
परम पुरूष प्रकृति से मिलने, सदा इसी माह में आते है।।
इसीलिए सारी सृष्टि सबसे ज्यादा, माध-चैत्र सुगंधित है।
वैष्णव दर्शन में यह भगवान नारायण का ही स्वरूप है।।
आध्यात्मिक मास, वैकुंठवासी ईश्वर धराधाम पर आते हैं।
गणगौर पूजें कन्या, सुहागिनें हाथों में हरी दूब रखती है।।
मधु मास वसंत फाल्गुनी, वनस्पति- सृष्टि प्रस्फुटित होती है।
माता सरस्वती प्राकट्य दिन, अबीर उड़ा विसर्जन करते हैं।।