भारतीय नारी
भारतीय नारी
हर तीज - त्यौहार बड़ी खुशी से मनाती है
औरत ही मकान को घर बनाती है
घर के कोने-कोने को अपने हाथों से सजाती है
बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक को संभालती हैं
व्रत- रखकर भी काम-काज करती जाती है
बच्चे चाहे कितने बड़ें हो जाए उनका ख्याल
निस्वार्थ रखती है
पति की बुराई दुनिया से छिपाती है
बिन पूछे परिवार की तारीफे बताती हैं
पति बेवकूफ ही समझे
बड़ी समझदारी से घर चलाती हैं
बेशक दौपदी को जुए में हार गए पाण्डव
पर वह कभी पति को दाव पर नहीं लगाती हैं
भारतीय नारी इतनी है शहनशील इतनी कि
पति रक्षा के लिए पूरी दुनिया से लड़ जाती है।
