अनुशासित हिंदी
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कहानी
हिंदी साहित्य
जगत् की अद्भुत
स्तुतय- पुरातन है।
"वंशावली" अतिक्लिष्ट
अद्भुत- संस्कृत हीं माता है।
हिंदी फारसी मिश्रित परन्तु
हमारा तो संस्कृति से
प्रगाढ़ नाता है।।
आर्य जब
सिंधु घाटी में
आए ईरान भाषा
संभवतः निष्पत्ति हुई।
सिंधु का अक्षर 'स' था 'ह'
यहाँ पर कहला व्यवहृत हुई।।
परंतु
कालांतर
में हिंदी शब्द
भारत का पर्याय
बन कर चमके-दमके।
आर्यों को हिंदी लगी
सहज सुग्राह्य, संस्कृत
से हट इसओर
था लपके।।
वेद-
पुराण
की ऋचाओं
में संस्कृत का
व्यवहार हुआ था।
श्रुति 'भोजपत्रों' पर
मोर-पँख की नोक से
ज्ञान धरा पर छाया था।।
उत्तरभारत
प्रदेशों में समस्त-
संस्कृत बोली, लिखी
अथवा समझी जाती थी।
८ वी. शताब्दी (ईपू) साहित्य
स्वरुप व्यवहृत (साक्ष्य हैं) थी।।
संस्कृत
रामायण,
महाभारत
शीर्ष ग्रंथों की
प्रथम भाषा थी।
गुरुकुल में ज्ञानार्जन
हेतु संस्कृत पठन-पाठन
की श्रेष्टतम् भाषा रही थी।।