वो एक औरत है
वो एक औरत है
वह बेटी है पत्नी है मां है,
वह तो ममता की मूरत है।
अरे ठहरो ! जरा,
इन सबसे पहले वह एक औरत है।
उसे अपनी आंखों में ख्वाब तो सजाने दो,
उम्मीदों के तिनकों से महल तो बनाने दो।
जिंदगी में थोड़ा आगे तो बढ़ जाने दो,
सबसे पहले उसी औरत तो बन जाने दो।
से अपनी इच्छाओं के पंख लगा कर उड़ना है,
रास्ते में आई कठिनाइयों से लड़ना है।
उसे अपने पैरों पर खड़ा तो हो जाने दो,
अरे ! सबसे पहले उसे एक औरत तो बन जाने दो
सबसे पहले उसे एक औरत बन जाने दो।
