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Krishna Khatri

Romance

3  

Krishna Khatri

Romance

वसंत

वसंत

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जज़्बात भरे अहसासों में 

दिल का वसंत खिलता है 

महकता है,

मुहब्बत के बगीचे में 

पूछता है तेरा पता,

अब तो सनम 

आ गया बहारे-मौसम भी

तुम भी आ जाओ 

जान लो हाले दिल मेरा,

दे दो तसल्ली

मेरे बेताब दिल को, 

कुछ पलों के लिए ही सही 

मिल जाएगा

दिल को चैन !

रूह को सुकून !

        



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