वसंत
वसंत
जज़्बात भरे अहसासों में
दिल का वसंत खिलता है
महकता है,
मुहब्बत के बगीचे में
पूछता है तेरा पता,
अब तो सनम
आ गया बहारे-मौसम भी
तुम भी आ जाओ
जान लो हाले दिल मेरा,
दे दो तसल्ली
मेरे बेताब दिल को,
कुछ पलों के लिए ही सही
मिल जाएगा
दिल को चैन !
रूह को सुकून !

