वसंत
वसंत
पल्लव बीच खिले फूल
देख भंवरा वसंत राग गाये
घूम घूम कलियन के चहुंओर
बेर बेर फेरा लगाये
देख साहस भंवरा का
सुमन कली लजाये सकुंचाये
सिमट सिमट इत उत डोल जाये
आखिर भंवरा कलियन
कपोल अधर चूम ही ले
चूम चूम कहे बेर बेर
वसंत बहार आये।
