STORYMIRROR

Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Action Classics

4  

Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Action Classics

वर्ल्ड इंक

वर्ल्ड इंक

2 mins
352

वक्त की रफ़्तार के साथ

दुनियां बदती भूगोल बदलते।

संस्कृति ,संस्कार पहचान बतलते

परिवर्तन ही दुनियां की चाल

रंक फ़कीर तारीख बदलते 

बनते और बिगड़ते।


वर्तमान अतीत हो जाते ऊंचाई

एकाकी बौने हो जाते ।

रंग बदलती दुनिया में वक्त 

कैद यादों की इबारत हो जाते।


नहीं सूखती स्याही अतीत की

वक्त के साथ वक्त की जागीर

जग जाहिर बनते।

कितने ही आते जातो 

वक्त अपने दामन में समेाटता जाता

आने वाली नस्ले वक्त की

विररसत बनते। 


जहाँ

वक्त की स्याही गुजरे लम्हों की

गवाही देती गुजरे दौर 

नए दौर में आजमाइस की चुनोती

जमाने की खूबी खासियत

इज़हार करते।


दांव पेंच राजनीति धर्म कर्म

दीन ईमान का इकबाल धरती

वक्त की अमिट स्याही जाने

कितने अंजाम आते जाते।


यलगार जीत हार वक्त की स्याही

जब सूखने लगती राह से भटक 

जाता इंसान।

इंसानी इंसानियत बन

जाता जंग का मैदान

वक्त की स्याही सभ्यता का

अलम्बरदार।


मिट जाती हुकूमते तालीम 

तारीख की स्याही गर हो जाए

स्याह।

अच्छाई भलाई नेकी बदि 

नियत बदनियत की तारीख

स्याही की लब्ज हर्फ़ का बया

अंदाज़।


गुरुर मगरूर जूनून जज्बा

वक्त इंसानियत हैवानियत इल्म

हुनर की दौलत तालीम स्याही।

गहरा पानी नीला आकाश

नीली स्याही नीला आकाश  

धरती का आधार वक्त संग जहाँ

संसार।


स्याही काली भी काला वक्त

तारीख अध्याय।

हक़ हूक़ूक फर्श अर्श का 

अपना अपना ओहदा शोहदा 

अरमान।


हित अनहित नहीं अपना 

पराया नहीं सच्चाई की

स्याही गीत बाइबल वेद्

पुराण कुरान।


ताकत दौलत की स्याही

शोहरत दौलत की स्याही

जंगो के मैदानों की स्याही

मोहब्बत नफरत की स्याही

त्याग तपस्या बलिदानो की स्याही।


आग अंगारों की स्याही 

हुस्न हकीकत इश्क की स्याही।

सम्बाद संचार की स्याही

जन जन की अभिलाषा

आकांक्षा की स्याही।


स्याही लिखती वर्तमान

बाधा कारण निवारण

इंक वर्ल्ड पीपुल की तस्बीर

बनते विगड़ते हालात मौका

मतलब नसीब।


तर्क तथ्य सत्य का आविष्कार

मौके हालात एहसास की स्याही

अभिव्यक्ति आवाज आज कल

और आज की स्याही।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action