वृद्धजन
वृद्धजन


ये वृद्धजन तो अनमोल रत्न है
इनका अनुभव अमूल्य धन हैलोग इनको यूँ
ही बोझ समझते है,
जबकि ये तो बेशकीमती जन है
जो लोग इन्हें पूजा करते है,
उन्हें देते खुशियों का बदन है
ये वृद्धजन तो अनमोल रत्न है
इस दुनिया को बनाते जन्नत है
वे ख़ुशनसीब है,जिनके बुजुर्ग है
वो घर तो महकता हुआ नंदन है
खुशियों चूमती उनके चरण है
जिनके पास बुजुर्गों का मन है
ये वो अनमोल निधि है,साखी
खोने के बाद वापिस न आती
ये घर का वो आधार स्तम्भ है,
जिनके बिना अधूरी हर बाती
इनका तू सदा ही ख्याल करना,
इनसे मिलता अनुभव करामाती
ये वृद्धजन तो अनमोल रत्न है
ये परिवार का खिलता वन है
जो सहजते हैं, संभालते ये धन हैं
उनका घर होता महकता चमन है।