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Poonam Danu Pundir

Abstract Inspirational Others

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Poonam Danu Pundir

Abstract Inspirational Others

वक़्त

वक़्त

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कभी सेकेंड की सुई सा लपकता हुआ,

कभी सदियों सा बेवजह ठहरता हुआ,

कभी दूर मंदिर में मधुर वंदन सा,

कभी कानों में क्रूर क्रंदन सा,

कभी सतरंगी बसंत की आहट सा,

कभी पतझड़ की करुण सरसराहट सा,

कभी ख़ुशियों में रुकता ही नहीं,

कभी दुखों में कटता ही नहीं,

कभी चंचल, चपल सरिता सा बहाव,

कभी समेटे गमों को झील सा ठहराव,

कभी गुदगुदाते रिश्तों सा नरम,

कभी फरेब के चेहरे सा बेरहम,

कभी रिमझिम गिरती फुहार सा,

कभी बेबात के झंझावात सा,

कभी नव प्रेम रोग सा,

कभी भीषण विरह वियोग सा,

कभी पुष्प की कोमल बाहर सा,

कभी दामिनी के प्रचंड प्रहार सा,

कभी नन्हीं किलकारी से भी प्यारी,

कभी घोर वृद्धावस्था सी लाचारी,

कभी सफलताओं से भरा सागर,

कभी विफलताओं की फूटी गागर,

कभी फ़सलों भरे हरे भरे खेत,

कभी रेगिस्तान की असहनीय तपती रेत,

वक़्त कभी दौड़ता कभी सरकता,

उम्र दर उम्र चेहरों पर सिलवटें बुनता,

साल दर साल तजुर्बों के खज़ाने चुनता,

जाने वालों की यादों में खोया,

आने वालों के कदमों की आहटें सुनता।



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