वो याद आया
वो याद आया
दर्द की बात चली तो फिर वो याद आया
जब भी महफिल सजी फिर वो याद आया।
भूल जाते हैं हम उनको ऐसा तो नहीं,
तन्हाई मे मेरे वो अपना बन खास आया।
श्वासों में बस गया वो प्राणों की माफिक,
धड़कनो में बसा, दिल में अहसास आया।
दिन के उजाले में ढूँढू, क्यूँ कर उसको,
परछाई की तरह जो मेरे साथ साथ आया।
शमा परवाने से भला दूर रहे तो रहे कैसै,
हो जुदा कैसे मुझसे वो आस पास आया।
