वो प्यार के लम्हे
वो प्यार के लम्हे
यादें तेरी दिल में बसी
जान बस तुझे ही माना है
किसी और को चुनूं कैसे मैं
जहां देखूं तेरा ही साया है
मिले हम चार साल पहले
आज भी वह दिन याद है
पहली नजर में प्यार हुआ था
लफ्जों में बयां भी कर दिए तुमसे
शायद कुछ बातें अधूरी थी
कुछ यादें साथ जुड़ी थी
तुमसे मिलने की बेचैनी
हर पल सताए यह दूरी थी
वादा जो किया था तुमसे
उसे जरूर निभाऊंगा
तुम बस देखते रह जाओ
तुमसे मिलने जरूर आऊंगा
दूर नहीं वह दिन बस
कुछ पल का इंतजार है
वह घड़ी अब दूर नहीं
जब तेरे मेरे मिलने का वार है।