Abhishek Singh
Romance
वो पहला ऐहसास था
जब उनका दीदार था।
उनके हल्के गीले बालों का,
मुझपे क़यास था।
उनपे पीला सूट जैसे,
सुनहरी किरणों का वास था।
उनको मेरे ऐहसास का,
बिल्कुल भी ना एहसास था।
वो पहला ऐहसास था।
विश्वास
उसकी चुनरी..!
एक रात दे रहा...
वो जो ख़फ़ा ह...
समुद्र एक कवि...
मेरा कुछ सामा...
एक और दामिनी
जय जवान जय कि...
महामारी
कोरोना वारियर...
सब कुछ अपने बारे में बताना है, अभी बहुत कुछ है जो समझाना है। सब कुछ अपने बारे में बताना है, अभी बहुत कुछ है जो समझाना है।
तू प्यासी धरती, आ तुझे पर बरस जाऊं मैं, आ तुझे प्यार करना सिखाऊं मैं। तू प्यासी धरती, आ तुझे पर बरस जाऊं मैं, आ तुझे प्यार करना सिखाऊं मैं।
यादें रह गयीं हैं उनकी बाकी बातें अब आम हो गयी। यादें रह गयीं हैं उनकी बाकी बातें अब आम हो गयी।
ये मासूमियत इस चेहरे की, निहारने दो बेखटके, ये मासूमियत इस चेहरे की, निहारने दो बेखटके,
वो एक गुलाब पा कर उसी में महक जाती थी वो कहाँ तब कोई परफ्यूम लगाती थी वो वो एक गुलाब पा कर उसी में महक जाती थी वो कहाँ तब कोई परफ्यूम लगाती थी वो
होंठ है खामोश मगर, आंखें बयां करती हैं. होंठ है खामोश मगर, आंखें बयां करती हैं.
सभी को होती है, प्यार की अभिलाषा। सभी को होती है, प्यार की अभिलाषा।
किया जो भी तूने उचित न किया है प्रिय सुनो लुटी सारी माया तन इक बचा ये तन हनो। किया जो भी तूने उचित न किया है प्रिय सुनो लुटी सारी माया तन इक बचा ये तन हनो।
जिसने मुझसे तन्हाई से परे भीड़ के हालात जोड़ दिये। जिसने मुझसे तन्हाई से परे भीड़ के हालात जोड़ दिये।
गर भूल गए होंगे हमें तो ए हवा तुम इतना याद दिला देना। गर भूल गए होंगे हमें तो ए हवा तुम इतना याद दिला देना।
तुम्हारी नज़र से नज़र जब मिली तो,होश मेरे खो गए मैं बेकाबू हो गया ! तुम्हारी नज़र से नज़र जब मिली तो,होश मेरे खो गए मैं बेकाबू हो गया !
क्यों चांद के साथ चांदनी अठखेलियां करती है, क्यों नदिया सागर में मिलने को मचलती है। क्यों चांद के साथ चांदनी अठखेलियां करती है, क्यों नदिया सागर में मिलने को मच...
हमेशा राह तकता हूँ कहीं से तुम चले आना ! खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा देना हमेशा राह तकता हूँ कहीं से तुम चले आना ! खुशी के पल में आ के मेरे घर को सजा द...
अधूरी यादें जुड़ी हुई हैं हमारी जो इस जन्म में ईश्वर ने पूरा करने के लिए अधूरी यादें जुड़ी हुई हैं हमारी जो इस जन्म में ईश्वर ने पूरा करने के लिए
तुम रुके नहीं क्योंकि, आहत सा, दर्प तुम्हारा दुःखता था, तुम रुके नहीं क्योंकि, आहत सा, दर्प तुम्हारा दुःखता था,
कितना आसान होता है, किसी को प्रेम का प्रस्ताव देना। कितना आसान होता है, किसी को प्रेम का प्रस्ताव देना।
मेरी जिंदगी की कोई कल्पना नहीं ओर मेरे बिना तुम्हारी जिंदगी का कोई अंत नहीं ... मेरी जिंदगी की कोई कल्पना नहीं ओर मेरे बिना तुम्हारी जिंदगी का कोई अंत नहीं ...
ख़ुदा की इबादत से कम नहीं होती मोहब्बत कर लो इस पर यकीन। ख़ुदा की इबादत से कम नहीं होती मोहब्बत कर लो इस पर यकीन।
श्याम रंग ही तो था तो क्या हुआ, प्यार तो रंग से न रूप से हुआ था। श्याम रंग ही तो था तो क्या हुआ, प्यार तो रंग से न रूप से हुआ था।
क्या तुम भी इतना तड़प रहें हो? जितना मैं भी तड़प रही हूँ। क्या तुम भी इतना तड़प रहें हो? जितना मैं भी तड़प रही हूँ।