वो खड्ग कृपाण संग खेली थी
वो खड्ग कृपाण संग खेली थी
एक साहसी माता, सुयोग्य स्त्री के,
गुणों से परिपूर्ण केली थी !
बचपन से वह वीर सैनिकों और,
योद्धाओं की तरह के खेल खेली थी !
शैशव से ही जिसके मृग जैसे नयन,
चम चम चपला सी चमकीली थी !
मुख मंडल पर आभा प्रखर अरुण की,
दम दम दमकती रुपहली थी !
बचपन से ही खड्ग, कृपाण,
कटारी उसकी बनी सहेली थी !
देश भक्ति, साहस, शौर्य, पराक्रम की,
वो मूर्ति दुर्गा सी बनी नवेली थी !
वो कानपुर के नाना की मुॅ॑हबोली चंचल,
अलबेली बहन छबीली थी !
मणिकर्णिका, मोरोपंत - भागीरथी की
वो संतान अकेली थी !
एक वीर कर्तव्यपरायण शाषिका थी,
वो युद्ध में खून से खेलती होली थी !
अंग्रेजो के समक्ष साहस से डटी रही थी,
देशप्रेम के निमित्त विपदाएं हँसकर झेली थी !
इतिहास में अपना नाम अमर कर गई,
वो दुश्मनों के लिए एक पहेली थी !
रानी लक्ष्मीबाई एक हिम्मती स्त्री और,
महान वीरांगना अलबेली थी !