वो ही तो माँ
वो ही तो माँ
दिन को दीवाली मनाने वाली
हर संतानों को खुश रखने वाली
जिसके बिना ये दुनिया अधूरी
वो ही तो माँ है प्यार बरसाने वाली
गम को खुशियों से मिटाने वाली
स्वयं माँ तू भूखे रह कर भी
अपने संतानों को भूख मिटाने वाली
वो ही तो माँ है, ममता बरसाने वाली
जिसके प्यार के आगे सारा प्यार झूठा है
वो बेरंग दुनिया को रंगीन बनाने वाली
जिसके सजदा में लोग शीश झुकाते है
वो ही तो माँ है, आशीर्वाद बरसाने वाली
हमें खुश देख कर खुद खुश होने वाली
हमें चोट लगे तो आँखें नम करने वाली
उँगली पकड़ कर चलना सिखाने वाली
वो ही तो माँ है, हमें जीवन देने वाली
तेरी गुणगान में शब्द कम पड़ जाता हैं
जो एक थप्पड़ लगा के खुद रोने वाली
जिसके ना होने से दुनिया सुना लगता है
वो ही तो माँ है, हमें खुशियाँ देने वाली
