वो...,"एक धुन"
वो...,"एक धुन"


वो...,एक धुन!
रोज वाली,
परियों के देश में,
नींदों की खोज
वाली,
वो...,एक धुन!
ममता व
दुलार वाली,
थपकियों की ताल
पर थिरकते हुए
प्यार वाली,
वो...,एक धुन!
ढ़ेरों कहानियों और
किस्से वाली,
सपनों की दुनिया के
हिस्से वाली,
वो...,एक धुन!
एक दुनिया से दूसरी
दुनिया में ले जाने
वाली,
चाँद-तारों की सेर
कराने वाली,
वो...,एक धुन!
बचपन से जुड़ाव
वाली,
उम्र के सबसे सुंदर
पड़ाव वाली,
वो,...एक धुन!
जागृति से सुषुप्त
अवस्था की डोरी है,
वो,कोई ओर नहीं,
अपितु...,
लोरी है।