STORYMIRROR

वक्त

वक्त

1 min
546


वक्त-वक्त की बात है

जीवन नहीं आसान है

वक्त जब मारे पलटी

जीवन नरक समान है ।।


जब भी वक्त ने खेला

साधु बन जाता है चेला

कर दे गर लापरवाही तो

वक्त कर देता अकेला ।।


कलतक जो था राजा ,

वक्त के आगे बना फ़कीर

वक्त किसी का नहीं होता

छोड़ना पड़ जाता शरीर ।।


कभी ना कर घमंड बन्दे

वक्त किसी का सगा नहीं

वक्त सभी का आता है

वक्त को किसी ने ठगा नहीं।।


वक्त का नहीं है भरोसा

पल में प्रलय आ जायेगी

लाख दुःख भले हो लेकिन

पल में जिंदगी सँवर जाएगी।।


वक्त होता बड़ा बलशाली

किसी के सामने झुका नहीं

निरन्तर चलता रहता है

थक कर कभी रुका नहीं ।।


कलतक जो तारीख बदलता

आज तारीख कलेण्डर बदल रही

वक्त सभी का आता है बन्दे

ये घड़ी निरन्तर चल रही ।।


साल आज विदा हो गया

सब करलो एक दूजे से वादा

राग द्वेष दुःख दर्द मिटाकर

हरपल जियेंगे वक्त से ज्यादा।।


वक्त बड़ा अनमोल है "जसवंत"

पल पल को जिया करो

व्यर्थ में जिंदगी निकल जाएगी

जीवन का रस पिया करो ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children