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ritesh deo

Children Stories Inspirational

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ritesh deo

Children Stories Inspirational

तुम रुकना नही

तुम रुकना नही

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सुन! सबने कहा होगा ये तुझे

माना कि कहने का हक़ नही अब मुझे

फिर भी, बस कह रही हूँ,


क्योंकि चाहता है ये मेरा दिल

आसमाँ पर चढ़ ले

चाँद - तारो को छू भी ले तू

रुकावटें हज़ार आती आती है, हर मोड़ पर

कांटे तो उगे ही रहते है, फूलों की डाली पर

तोड़ने की कोशिश करेगी तुझे ये ज़िन्दगी

 पर तुझे टूटना नही है।

तुझे रुकना नही है।।


बढ़ता चला जा तू,

अपनो - परायो को पीछे छोड़ कर

कल गर होगा तो मंजिल पर अपनी,

सब मिलेंगे गले तुझसे दौड़कर

तड़पाती है बहुत,हर-एक सज़ा देती है, 

मंज़िल पाने की कशिश।

पर इस तड़प में व्याकुल होकर

छोड़ना नही कभी तुम कोशिश।

झुकाने की कोशिश लाख करे ये ज़माना

पर तुझे झुकना नही है।

तुझे रुकना नही है।


जब तेरे कदम डगमगाए

याद करना, अपनी माँ के आंखों में वे आँसू

ढूढ़ना अपने पिता की तरह, पसीने की बूंदों में सुकून

फिर भी न सम्भल पाए तो अगर

याद करना तू अपने वो वादे,इरादे

इस मासूम दोस्त की पुकार

दरम्यान इसके दर्द बहुत देगी ज़िन्दगी

पर इस मुश्किल राह से डरकर

इस से दूर हटना नही है

तुझे रुकना नही है


मंज़िल आसान होती है

गर रास्ता चुना लिया हो

मंज़िल गुमनाम होती है

गर रास्ता न मिला हो

मिल जाएगी तुझको भी एक दिन तेरी मंज़िल

बशर्ते मेहनत और हिम्मत का साथ 

तुझे छोड़ना नही है

तुझे रुकना नही है।।


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