वक्त तू थम जा रे
वक्त तू थम जा रे
कुछ कोरे पन्ने बाकी है
उन में रंग मैं अपने भर लूँ।
जज़्बात संग, ख्वाब संग
कलम संग थोड़ा।
मैं भी तो चल दूँ
वक्त तू थम जा रे।
बहुत कुछ रह गया है अभी
किस्से अनगिनत।
कहानियां अनगिनत
स्वप्न भी तो देखे हैं अभी
वक्त तू थम जा रे।
रात के अंधेरे हैं देखे
किरण फूटी ही तो है अभी।
उजाले को आना बाकी है
उजाले को थोड़ा आने तो दे।
महसूस उसको करने तो दे
अश्रु बहाये है अभी-अभी।
नयनो का मुस्कुराना बाकी है
वक्त तू थम जा रे।
इम्तेहां बहुत दे चुकी है सोनिया
बहुत से इम्तेहान बाकी हैं अभी।
उस कारवां में आगे बढ़ने तो दे
रोशन ये राहें करने तो दे।
वक्त तू थम जा रे
ए वक्त तू थम जा रे।।
