वक्त का गुमान
वक्त का गुमान
कितने लोग सुसाइड कर रहा है
कोई कोई तो परिवार के साथ मर रहा है,
परेशान तो सब है
लेकिन जिसका कोई नहीं वो कैसे जी रहा है....?
जिसके हाथ नहीं, पैर नहीं,
ज़ुबान नहीं, कान नहीं, आँख नहीं,
वो क्यो हार नहीं मान रहा है....?
फुटपाथ पर भी जीते हैं कुछ लोग,
तू इस वक्त काे क्यु गुमान रहा है...?
हिम्मत नहीं रही तो कोई बात नहीं
सबर से काम ले
काट इसे सजा समझकर
तू यूं ना अपनी जान दे।
