रात बाकी है
रात बाकी है
रात बाकी है
शाम बाकी है
बीते ना ये दिन
कोई बात बाकी है।
लमहा लमहा बीत रहे
कुछ रूठ रहे, कुछ टूट रहे
जज्ब़ात बाकी हेै।
हर पल सताती
इन साँसों मे
तेरी आस बाकी है।
ना उम्मीदों की अंधेरी
हर गली में
भूल गया मैं सब....
बस तेरी याद बाकी है।
बस तेरी याद बाकी है।

