वजह
वजह
पुरानी दीवार घड़ी
के पेंडुलम में
मैंने अपना गूंगापन
सी दिया है।
जानते हैं,
पेंडुलम धातु का था
और मेरी उंगलियां
हाड़ मांस की।
मुश्किल था
लेकिन उंगलियों में
आते ही
वो छोटी सी धातु की सुई
आसान हो गया सीना
चुप्पी पेण्डुलम के
सीने पर।
इतने बरस
में ये ही जाना है
लोग बेबस
अपनो की वजह से
ही होते हैं।