Sunriti Verma
Classics Inspirational Children
इस युग में अधिकतर
विष ही है
वह जो मन में है
विष ही तो है
जो कर्म में है
वह भी तो विष ही है
जो दूसरे की सहायता में है
जो कई जनों में है।
प्रकृति बाध्य...
गीत
मेघ
क्रम
व्यंजन की यह ...
कला
कविता है क्या...
विष
क्या है यह?
पुष्प
ऐ जिन्दगी, बता तू मुझसे क्या चाहती है। ऐ जिन्दगी, बता तू मुझसे क्या चाहती है।
भरती हूँ इसे रंगीन शब्दों से, वक़्त तो सबके लिये आफ़ताब है। भरती हूँ इसे रंगीन शब्दों से, वक़्त तो सबके लिये आफ़ताब है।
रास्ता उसने मुझे सच्चा दिखाया है देवी है वो तो जिसको हमने माँ बताया है। रास्ता उसने मुझे सच्चा दिखाया है देवी है वो तो जिसको हमने माँ बताया है।
लाखों लोग जुटा इस तरह इस भू का उद्धार किया लाखों लोग जुटा इस तरह इस भू का उद्धार किया
मेरे आँसुओं को आँचल में पिरोती है, माँ संसार में सबसे अनमोल होती है। मेरे आँसुओं को आँचल में पिरोती है, माँ संसार में सबसे अनमोल होती है।
हाथों में दुआ, तिलक बन जाती है माँ बद्दुआ ख़ुद पर आजमाती है माँ। हाथों में दुआ, तिलक बन जाती है माँ बद्दुआ ख़ुद पर आजमाती है माँ।
गाये सावन के गीत झूम रही है धरती अम्बर। गाये सावन के गीत झूम रही है धरती अम्बर।
इसलिए आज में जीने वाले छूते हैं, सफलता की हर मंजिल को। इसलिए आज में जीने वाले छूते हैं, सफलता की हर मंजिल को।
बिखरने से बचाने के लिए और फिर देखिए सपनों को पूरा होते हुए। बिखरने से बचाने के लिए और फिर देखिए सपनों को पूरा होते हुए।
वो पहली नजर, वो पहली छुअन आज भी याद है मुझे। वो पहली नजर, वो पहली छुअन आज भी याद है मुझे।
शिक्षा की ज्योति से भरती, जीवन में सवेरा जीवन में सवेरा, माँ जीवन में सवेरा। शिक्षा की ज्योति से भरती, जीवन में सवेरा जीवन में सवेरा, माँ जीवन में सवेरा...
खूबियां तेरी, मोल तेरा अब समझ पाई हूं मैं, सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं। खूबियां तेरी, मोल तेरा अब समझ पाई हूं मैं, सच ही तो है तेरी परछाई हूं मैं।
पर लगता है बस बना मेरा ही मज़ाक सदा, चलो अच्छा है कुछ तो उपयोग हुआ मेरा। पर लगता है बस बना मेरा ही मज़ाक सदा, चलो अच्छा है कुछ तो उपयोग हुआ मेर...
समझदार वो मानव है जो, माँ का महत्व समझता है। समझदार वो मानव है जो, माँ का महत्व समझता है।
अपना शीश झुका, आज, करता तुम्हे नमन है। अपना शीश झुका, आज, करता तुम्हे नमन है।
तुम्हारे अस्तित्व का विजय निश्चित तुम्हारी ही होगी उठा त्रिशूल करो अब नाश उनका। तुम्हारे अस्तित्व का विजय निश्चित तुम्हारी ही होगी उठा त्रिशूल करो अ...
ज़िम्मेदारी और बोझ निपटाइये, हलका कीजिए। ज़िम्मेदारी और बोझ निपटाइये, हलका कीजिए।
कुछ खट्टा, कुछ मीठा मेरा इश्क़ तुमसे बेहद सा है। कुछ खट्टा, कुछ मीठा मेरा इश्क़ तुमसे बेहद सा है।
सभी को हो जीत की बधाई, चलो जश्न मिलकर मनाए भाई। सभी को हो जीत की बधाई, चलो जश्न मिलकर मनाए भाई।
बेटी ही आँगन की किलकारी है और बेटी ही पिता के सर का ताज है। बेटी ही आँगन की किलकारी है और बेटी ही पिता के सर का ताज है।