Anshika Agarwal
Tragedy Inspirational Others
विश्वास,
सबसे ज़रूरी होता है,
हर रिश्ते में।
हर एक रिश्ते की,
नींव होती है
विश्वास।
जहाँ विश्वास नहीं,
समझ लेना,
वहाँ कोई रिश्ता नहीं।
जब विश्वास की,
नींव टूट जाती है,
तब रिश्ता भी टूट जाता है।
दोस्ती
मां
खास
विश्वास
समय
बेवफ़ाई
हाशिया
लोंग डिस्टेंस...
भरोसा
बेस्ट फ्रेंड ...
क रहा हूँ देश जाति की, दूषित हुई सियासत पर । क रहा हूँ देश जाति की, दूषित हुई सियासत पर ।
अवसर तलाशे संपूर्ण सेवाकाल बेजा फायदा खूब उल्लू बनाये अवसर तलाशे संपूर्ण सेवाकाल बेजा फायदा खूब उल्लू बनाये
लोग लिख रहे हैं भूख पर और असमय काल के मुँह में समाती ज़िन्दगियों पर. लोग लिख रहे हैं भूख पर और असमय काल के मुँह में समाती ज़िन्दगियों पर.
तड़के-तड़के जगकर हमने सर्वप्रथम भोजन तैयार किया है, उसके पश्चात बाहरी दाव-पेंच के लिए तड़के-तड़के जगकर हमने सर्वप्रथम भोजन तैयार किया है, उसके पश्चात बाहरी दाव-...
मेरा बेटी होना बड़ा अपराध है क्या? मेरा बेटी होना बड़ा अपराध है क्या?
हाबू आया हाबू आया, सुणलो लोगों कान लगाय। त्राहि त्राहि सब जग होरी, पाया कोनी कोई उपाय। हाबू आया हाबू आया, सुणलो लोगों कान लगाय। त्राहि त्राहि सब जग होरी, पाया कोनी ...
तय किया लोमड़ी नहीं छोड़ेगी चाहे जितने उपर लटके दूसरों के लिए खट्टे नहीं छोड़ेगी तय किया लोमड़ी नहीं छोड़ेगी चाहे जितने उपर लटके दूसरों के लिए खट्टे ...
स्वच्छ गगन में विचरण करता हरियाली में सोता हूँ स्वच्छ गगन में विचरण करता हरियाली में सोता हूँ
इतिहास की किताबें भर दें अपने सामने की गोलियों के रोमांच के साथ। इतिहास की किताबें भर दें अपने सामने की गोलियों के रोमांच के साथ।
कितनों ने राह में तोड़ दिया दम टूटी आस राह तकने वालों की, कितनों ने राह में तोड़ दिया दम टूटी आस राह तकने वालों की,
मर मिटते हो जिसके चेहरे पर उसे पाकर ही दम लेते हो। मर मिटते हो जिसके चेहरे पर उसे पाकर ही दम लेते हो।
मै सरकारी ऑफिस हूं, अब मै लबालब भर गया हूं। मै सरकारी ऑफिस हूं, अब मै लबालब भर गया हूं।
तड़प का एक ज्वालामुखी सा समुन्दर मेरे भीतर भी बहता है तड़प का एक ज्वालामुखी सा समुन्दर मेरे भीतर भी बहता है
कुदरती विरोध प्राकृतिक विपदा कुदरती विपदा प्रकृति पहल हारा प्रकृति विकाश और जीवन कुदरती विरोध प्राकृतिक विपदा कुदरती विपदा प्रकृति पहल हारा प्रकृति विकाश...
तो विकास के झूठे पुलिंदों को बांध मन बहलाते हैं, तो विकास के झूठे पुलिंदों को बांध मन बहलाते हैं,
गोकुल के ग्वाल कन्हैया, मुरली मनोहर, कान्हा तारणहार रचाए लीला, गोकुल के ग्वाल कन्हैया, मुरली मनोहर, कान्हा तारणहार रचाए लीला,
सपने देखता कि आज आँखें खोल देगा बबुआ झूलेगा उसकी गर्दन से! सपने देखता कि आज आँखें खोल देगा बबुआ झूलेगा उसकी गर्दन से!
सारा परिवेश बदल चुका है अब बदल गया है पड़ोसी...। सारा परिवेश बदल चुका है अब बदल गया है पड़ोसी...।
कौन बाँट सकता है भला किसी के गम को दर्द अपना है, तो तकलीफ़ भी अपनी ही होगी " कौन बाँट सकता है भला किसी के गम को दर्द अपना है, तो तकलीफ़ भी अपनी ही होगी "
किन्तु इस विरह का अंत भी सुखद होगा युगों युगों तक उर्मिला विरह का नाम होगा। किन्तु इस विरह का अंत भी सुखद होगा युगों युगों तक उर्मिला विरह का नाम होगा।