Anshika Agarwal
Inspirational
मां एक एसा गुरुर है,
जिसके पास है,
उसके पास जन्नत है।
जिसके पास नहीं है,
उसकी अच्छी खासी जिंदगी भी बेकार है!~
दोस्ती
मां
खास
विश्वास
समय
बेवफ़ाई
हाशिया
लोंग डिस्टेंस...
भरोसा
बेस्ट फ्रेंड ...
रेत के समान है वक्त बंद मुट्ठी से भी फिसल जाता है, जो वक्त के साथ चले वक्त उसी के साथ। रेत के समान है वक्त बंद मुट्ठी से भी फिसल जाता है, जो वक्त के साथ चले वक्त उस...
उसी दिन उसी समय से बन गई वह घर की समृद्धि की दारोमदार। उसी दिन उसी समय से बन गई वह घर की समृद्धि की दारोमदार।
छोटे-छोटे पल जीवन के कई बार हम यूंँ ही गंवा देते हैं। छोटे-छोटे पल जीवन के कई बार हम यूंँ ही गंवा देते हैं।
नमन तुम्हे है हे! माता, मै शत शत बार प्रणाम करूॅ॑। शब्द नहीं मेरे मन मंदिर में। नमन तुम्हे है हे! माता, मै शत शत बार प्रणाम करूॅ॑। शब्द नहीं मेरे मन मंदिर मे...
शब्दों के खेल बड़े अद्भुत, इनके जज्बे बड़े निराले। शब्दों के खेल बड़े अद्भुत, इनके जज्बे बड़े निराले।
बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को जगाते हैं. बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को...
पुनर्जन्म से पहले आत्मा करती है थोड़ा आराम! पुनर्जन्म से पहले आत्मा करती है थोड़ा आराम!
.चलो आज एक बात बताता हूं । ... तुम्हे जीने की राह दिखाता हूं ।। .चलो आज एक बात बताता हूं । ... तुम्हे जीने की राह दिखाता हूं ।।
कहानी थी, अँधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा I कहानी थी, अँधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा I
चौदह संतानों में बालक इक, वीर सुभाष चन्द्र बोस कहलाए।। चौदह संतानों में बालक इक, वीर सुभाष चन्द्र बोस कहलाए।।
वो राधा है वो गीता है वो शक्ति है वो सीता है. वो राधा है वो गीता है वो शक्ति है वो सीता है.
क्यों डरते है इस हार से हम , ये हार असल में जीना है। क्यों डरते है इस हार से हम , ये हार असल में जीना है।
माँ बनना आसान कहाँ था मौत से जूझ कर। माँ बनना आसान कहाँ था मौत से जूझ कर।
शबनम की मधुर फुहार है बेटी, विधि का अनुपम उपहार है बेटी। शबनम की मधुर फुहार है बेटी, विधि का अनुपम उपहार है बेटी।
यारों आज फ़िर से याद किया जाए… क्यों ना वही इतिहास दोहरा दिया जाए। यारों आज फ़िर से याद किया जाए… क्यों ना वही इतिहास दोहरा दिया जाए।
सांस ये जब तक बाकी है, सब कर्म रहूँ में यूँही करती। सांस ये जब तक बाकी है, सब कर्म रहूँ में यूँही करती।
पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम. पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम.
इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है! इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है!
तुम्हें सीखना होगा लड़ना, दुष्ट और हैवानों से। तुम्हें सीखना होगा लड़ना, दुष्ट और हैवानों से।
देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा दान। देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा द...