विश्व शिक्षक दिवस २०२१
विश्व शिक्षक दिवस २०२१
कर्म-क्षेत्र है, विश्व- शिक्षण-
मंच,अध्ययन सतत करें,रखें,
क्षमता, सर्व- आत्म प्रवेश...
न हो,अंतस् शीश-आवरण,
सतही चमक नहीं,लक्ष्य, हो,
गहन ज्ञान,पाठ्य-विषय-बोध,
हो निर्द्वन्द, निर्वैर,चलें,वर्ग-कक्ष.
हृदि- मार्ग ले संकल्प, सुनें,
धड़कन- स्वर, लघुत्व का,
गुरुत्व का,पृथक,छात्र-सह,
संकल्प अंत्योदय का....
हर समाज वेदना- संघर्ष...
कैसे,शिक्षक का समर हो,
सर्वभूत हों,आत्मभूत नहीं,
प्रपंच- मनोविकार, देख,सह-
शोधक-निर्लिप्त-भाव,न,करें-
तिरस्कार,रह,चिंतन परक...
हर छात्र,वर्ग का,चले ज्ञान-
दिश..निर्बल- शोषित वेदना,
स्वानुभूत, स्व-प्रेरित, शिक्षण...
सार्वकालिक...सार्वभौम,हो, शिक्षण-प्रवाह....