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Meera Mishra

Inspirational

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Meera Mishra

Inspirational

नाच न जाने आंगन टेढ़ा

नाच न जाने आंगन टेढ़ा

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कक्षा निस्तब्ध है...

हिन्दी दिवस, सोमवार,

वर्ग-५ सत्र का प्रथम सप्ताह,

का पहला आवधिक परीक्षण,

टीचर जी, कोमल कम, आज

अप्रसन्न... चाक उंगलियों में...

लिखती मुहावरे, श्यामपट्ट

पर, पहला ही

प्रश्न- नाच न जाने, आंगन...


एक नहीं दस ,

दस अंक वाले, 

कमजोर हिन्दी...

मेरी, अल्प शब्द- संचयन...

न अर्थ का ज्ञान , मुझे

वाक्य कहां पाऊं...

विचारती, पढ़ाया नहीं,

दिया, आदेश, 'परीक्षा'....

वर्ग का अंत......शून्य

का अंक, टीचर जी की

प्रतिक्रिया......

'हिन्दी शून्य तो हर

विषय रसातल को.'..

धीमा उत्तर सुना सबने...

आपने नहीं पढ़ाया, लिखे 

प्रश्न अनजान....."अगले

वर्ग में रखो ध्यान...

विषय पर,"

...घर आकर पढ़ा...

कौशल न सीखें, दें दोष

'अन्य' को...

वर्ष अनेक बीते....


टीचर जी की, छात्रा मैं, 

होती टीचर, सीखकर,

कौशल, शब्दों का, 

विचार वाक्य का...  

शिक्षण...और

पुनः परीक्षण....

प्रणम्य... 

हिन्दी दिवस, टीचर जी

की दृष्टि कठोर एक...

बनाती शिक्षक एक

मुहावरे से.........



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