विश्व कल्याणी भारत
विश्व कल्याणी भारत
आर्य संस्कृति की आदि परम्परा ,
अखिल विश्व है एक कुटुम्ब समान।
सारे प्रियजनों की खुशहाली हित,
आर्य जुटेंगे लगाकर के जी-जान।
अग्रणी भूमिका है जग में निभानी,
आत्म निर्भर बनेगा यह हिंदुस्तान।
प्राचीनकाल से ही गरुकुलों में जग से,
आर्यावर्त विद्या अध्ययन के हित आते थे।
उपनिषद- वेदादिक ग्रंथों से सीख लेकर,
राग सर्व कल्याण का ही मिलकर गाते थे।
आदिकाल सम आज भी सर्वहित के करने हैं काम,
आत्म निर्भर बनेगा यह हिंदुस्तान।
पोलियो टी बी से रोगों के प्रति भूमिका सशक्त ,
कुपोषण की समस्या को भारत कैसे कर रहा पस्त।
तन-मन बलवान बनाने में और भगाने में विविध रोग,
वरदान सदृश साबित हो चुका है प्यारा भारतीय योग।
लाभान्वित हो रहा है सकल विश्व -भारत के सतत् प्रयासों से,
आत्म निर्भर बनेगा हिंदुस्तान।
जग को नई ऊर्जा देंगे भारत मां के
सतत् कल्याणकारी अभियान।
कर परास्त कोरोना विपदा को
फूंकेगा अर्थव्यवस्था में जान।
दसवां भाग सकल घरेलू उत्पाद के सम राशि
को व्यय करने का है अनुमान,
दो लाख करोड़ की धनराशि का यह व्यय
मदद बनेगा यह सारी दुनिया में भारत की शान
आत्म निर्भर बनेगा यह हिंदुस्तान।