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Alok MS

Abstract

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Alok MS

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विरक्ति और शून्य

विरक्ति और शून्य

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आसक्ति की मर्यादा को,

विरक्ति का कोई भान नही,


सीमित सतही भावों को,

शून्य की असियमित्ता का कोई ज्ञान नही,


माया के अभिमानो से,

ज्ञानी भी अनजान नहीं,


संसार के कौतुहल से विचिलित,

बस संन्यासी और शमशान नहीं।।।


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