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Neeraj pal

Inspirational

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Neeraj pal

Inspirational

विनती है तुमसे।

विनती है तुमसे।

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करता हूँ बिनती यही तुमसे ,मोह-शक्ति मेरी मिटा देना ।

धन, धान्य और मान बढ़ाई के, लालच से दूर भगा देना।।


 किये बहुतेरे कुटिल कर्म, अपने पास मुझे बुला लेना।

 राग छोड़, अनुराग बढ़े, ऐसी युक्ति मुझे बतला देना।।


 माटी के तन का कोई मोल नहीं, जीने की कला सिखा देना।

 सहे दर्द बहुत इस तन ने, सहने की ताकत भी दे देना।।


 राह रपटीली मंजिल की, सही राह दिखला देना।

 करुँ दर्शन नित तेरे ही "प्रभु," इतनी सी दया बरसा देना।।


 समदर्शी है नाम तुम्हारा, इस भिक्षुक को भी भिक्षा ही देना।

" नीरज" बैठा है आस लगाए, मर्जी हो तो मुझको भी पार लगा देना।।


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