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Kanchan Jharkhande

Abstract Inspirational Others

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Kanchan Jharkhande

Abstract Inspirational Others

विकलांगता

विकलांगता

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तू रुक नहीं तू चलता जा

तेरे भीतर कुछ महान है

तू दिव्यांग नहीं

तू विकलांग नहीं

तू प्रेरणा का अवतार है।


बिन पैर के तू दौड़ जा

किस्मत को पीछे छोड़ जा

बिन हाथ के इतिहास रच

तू भविष्य का बनेगा सच

बिन दृष्टि के तू कम नहीं

बे जुबाँ हूँ तो कोई गम नहीं


की पथ की मुश्किलों को तू

तेरे कौशल से मात कर

तू दिव्य है, सरल नहीं

तू नवोत्थान का समाज रच


बढ़ा कदम न पीछे हट

तू साहस का चमत्कार रच।


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