STORYMIRROR

Dr.Shree Prakash Yadav

Drama

3  

Dr.Shree Prakash Yadav

Drama

विकलांग

विकलांग

1 min
185

हर रोज़ तुम्हें खत लिखता हूँ

एक नहीं दस दस लिखता हूँ


आधे में जीवन लिखता हूँ

आधे में विकलांगता पर लिखता हूँ


पंच परमेश्वर से शिकायत करता हूँ

कभी-कभी पंचतत्व में विलीन हो जाता हूँ


शब्दों की मायाजाल पर सोचता हूँ

विकलांग से दिव्यांग कैसे हो जाता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama