विकास पथ पर भारत
विकास पथ पर भारत
जुलाई के पहले ही दिन से करेगा भारत,
निज अति तीव्र आर्थिक विकास की बात।
त्रिसाप्ताहिक अनलाक-एक के बाद अब,
दो का श्री गणेश,नियंत्रित रखिए जज्बात।
अनलाक एक में दिखीं असावधानियां
ये सबकी सब तो चिंता बहुत बढ़ाती हैं।
जीवन-स्वास्थ्य अमोल हर जन का ही,
जो देश और सारे समाज की थाती है।
बिना बजह घर से मत कभी भी निकलिए,
पर काम जाना हम सबका बड़ा जरूरी है।
साफ-सफाई-निर्देशों का पालन-मास्क लगा,
सदा परस्पर बनाए रखना भी दो गज दूरी है।
तीस जून के संबोधन में हर जन के लिए,
सक्रिय जन भागीदारी का संदेशा आया है।
प्रधानसेवक ने हाथ जोड़कर अन्नदाता और,
करदाता का देशहित में आभार जताया है।
बचते हुए महामारी से हमें , हर दुश्मन से भी लड़ना है,
राणा-शिवा के वंशजों निज,माथा गर्व से उन्नत रखना है।
जन-जन अपना होगा समृद्ध ,ऐसा एक पावन सपना है,
स्वर्ण-चिड़ी होने हित पहले,आत्मनिर्भर हमको बनना है।
स्वार्थी भंवरों में फंसे बिना, सब सबके हित में काम करें,
मेहनत से ज्यादा लेने का ,भाव मन में लाने से भी डरें।
कम में भी अच्छी गुजरती है ,ये लाकडाउन सिखा गया,
ईमान-धर्म पथ मत छोड़ो तो ,रामराज्य बस आ ही गया।