अल्प है काल इस जीवन का
अल्प है काल इस जीवन का
अल्प है काल इस जीवन का,
मगर काम तो हैं बहुत ज्यादा।
होंगे अंतिम सांस से पूर्व अमर,
यही करके आए हैं प्रभु से वादा।
जो न कर पाए कुछ भी बदलाव,
तो क्या अर्थ हुआ जग में आने का।
जग कल्याण कर करें सार्थक जनम,
हों फलदायी कर्म न काम बहानों का।
न हो निज कर्मों में तनिक भी दिखावा,
हों विचार उत्कृष्ट लेकिन जीवन सादा।
होंगे अंतिम सांस से पूर्व अमर,
यही करके आए हैं प्रभु से वादा।
धूप-छांव दुःख-सुख सबके ही जीवन,
हैं हालात बदलते नहीं कहीं है ठहराव।
हर चुनौती स्वीकारें नश्वर है जग सारा,
प्रभु शुभ और शुभता प्रभु का बदलाव।
अनुकूल जीवन धारा में न हो अहंकार,
प्रतिकूल परिस्थितियों में हो दृढ़ इरादा।
होंगे अंतिम सांस से पूर्व अमर,
यही करके आए हैं प्रभु से वादा।
करिए कुछ आलोचना निश्चित करेंगे लोग,
आदिकाल से अनंतकाल तक रहता भ्रम।
अपने नीर-क्षीर विवेक से साधें निज लक्ष्य,
खुश प्रभु से न हों सब हों दृढ़ निश्चयी हम।
एक परमपिता है सकल जग निज कुटुंब,
वर रूप जीवन परहित में रहे सबसे ज्यादा।
होंगे अंतिम सांस से पूर्व अमर,
यही करके आए हैं प्रभु से वादा।
अल्प है काल इस जीवन का,
मगर काम तो हैं बहुत ज्यादा।
होंगे अंतिम सांस से पूर्व अमर,
यही करके आए हैं प्रभु से वादा।