न बदलें हालात-बदलें हम खुद को
न बदलें हालात-बदलें हम खुद को
बदलते रहते हैं जीवन में हालात और,
आते जाते सुख-दुख हैं जैसे मौसम।
जो न हो स्वीकार हम उसको बदल दें,
जो सकें न बदल तो बदलें खुद को हम।
शाश्वत सत्य जग का होता सतत् ही बदलाव,
बदलते समय के संग दिखता है इसका प्रभाव।
अधिक खुशी या गम दे सकते हैं हमको तनाव,
बाधाओं से बच के रहेंगे जो रखेंगे सरल स्वभाव।
सेज नहीं फूलों की होता है जीवन इस दुनिया में,
आजीवन चलता रहता है संघर्ष यह याद रखें हम।
जो न हो स्वीकार हम उसको बदल दें,
जो सकें न बदल तो बदलें खुद को हम।
बाधाओं से न घबराएं हम हर चुनौती करें स्वीकार,
बनें सत्पथ के अनुगामी हम संघर्षों से न मानें हार।
लेते देते सहयोग रहें हम सदा रखें मधुरिम व्यवहार,
अपनेपन के संग रहें सबके आनंदमय होगा संसार।
धूप -छांव से सुख-दुख आते -जाते रहते जीवन में,
न टिकती हैं खुशियां जैसे न टिक पाते वैसे ही गम।
जो न हो स्वीकार हम उसको बदल दें,
जो सकें न बदल तो बदलें खुद को हम।
भली-भांति यह याद रखें जीवन है प्रभु का वरदान,
सत्कार्यों में लगे रहें सबको दें खुद सा ही सम्मान।
पर कुसंग से रहें बचे हम ऐसा रखना हर पल ध्यान,
निज दायित्व करेंगे पूरे सदा सहायक हों भगवान।
निज खुशियां हम बांटें निःस्वार्थ भावना के संग में,
और सम्पूर्ण शक्ति संग रहें बंटाते हम सब के ग़म।
जो न हो स्वीकार हम उसको बदल दें,
जो सकें न बदल तो बदलें खुद को हम।