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Vinod Kumar Mishra

Abstract

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Vinod Kumar Mishra

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विज्ञान

विज्ञान

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तुम्हें बधाई नवयुग के मानव

विज्ञान तुम्हारे जो साथ खड़ा

सुख सुविधा से संपन्न बनाकर

कितना बदल दिया यह संसार।


पेट पालने से लेकर मानव

स्वास्थ्य-सुरक्षा भी उपलब्ध कराया

रहन-सहन मनोरंजन देकर

कितना बदल दिया यह संसार।


यातायात के साधन देकर

धरती-अम्बर की सैर कराया

कृषि यंत्रों से पैदावार बढ़ा

कितना बदल दिया यह संसार।


जल थल नभ को जिसने माप लिया

वह चला मापने है अब ब्रह्मांड

विजय पताका हर दिश लहराकर

कितना बदल दिया यह संसार।


शिक्षा जगत में यह कदम बढ़ाता

ई-बुक से भी जो भेंट कराता

उसकी महिमा को जगती परखे

कितना बदल दिया यह संसार।


संचार व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में

कर दिया है जिसने बड़ा कमाल

मानव जैसा रोबोट बनाकर

कितना बदल दिया यह संसार।


स्वार्थ भावना अरु मदहोशी से

सावधान भी करता है विज्ञान

ई-कचरे की फिर ढेर लगाकर

कितना बदल दिया यह संसार।


मानवता संवर्द्धन में आखिर

मूल्यांकन कौन करेगा आज

विकास और विनाश के कारण

कितना बदल दिया यह संसार।


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