विजेता
विजेता
वकत के साथ जो चलता है
जीत को ओर वही बढ़ता है
कमजोर कभी आवाज नही उठाता
और बेईमान कभी जितकर नही जाता
जीत के मायनो को जो समझता है
उस आग में वो जलता है
जोश से उसे बडाता है
फक्र से वह बढ़ता है
जो रखे विश्वास खुद पर
उसे यकीन ना किसी के यकी पर
जिनकी नजरें सीधे रास्तों पर है
उनके पैर नही डग मगाते
दीवारों को भी तोड़ देते हो वो
फिर सु गम के नहीं खुशी के है
क्योंकि, जीत के दिखाना ही है विश्वास।