Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Shweta Singh

Abstract Classics Inspirational

4.5  

Shweta Singh

Abstract Classics Inspirational

वीर पुरुष और आजादी

वीर पुरुष और आजादी

1 min
440


 मृत्यु से ना डरने वाले ,

सबको सचेत वह करने वाले ,

देश प्रेमी थे, वीर थे, निडर साहसी थे,

जो भारत की आजादी के लिए प्राणों को भी दे दे डाले।


जाने कैसे बीता आज़ादी के पहले का वह साल,

किसी ने खाई गोली किसी ने झेली तलवार,

लगन और मेहनत उन वीरों की ,

जिन्होंने किया भारत को आजाद,

भारत के ऐसे वीर सपूतों को है हमारा सलाम। 


भारत जकड़ा था अंग्रेजों की जंजीरों में ,

मिली में कोई सूध भारत के कविलो में,

 भारत के हर भी सोच कर गंभीर थे,

 भारत की आजादी के लिए हर भारतवासी के हृदय अधीर थे।


15 अगस्त 1947 को उगा आजादी का नन्हा बीज,

 देख जिसे अंग्रेज हुए भयभीत,

भारतवासी की ललकार से अंग्रेजों को डराना था ,

स्वतंत्रता की लहर लेकर अंग्रेजों को भगाना था।।


भारत को दिया आजादी शक्ति,

इस में छपी उनकी अन्य देश भक्ति ,

अंग्रेजों को भी ही सिखाया हिंदी अभिव्यक्ति,

 दे गए लोगों को अंग्रेजों से मुक्ति।


सबका हो जीवन में स्वप्न एक,

 खुद का कल्याण करें, करें विश्व को एक ,

आजादी अभी अधूरी है ,सपने सच होने बाकी है,

राही की शपथ अभी न पूरी है,

भारत को स्वर्ग बनाएंगे, शिखर तक पहुंचाएंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract