विद्यार्थी का हथियार:– शिक्षा
विद्यार्थी का हथियार:– शिक्षा
लेके बस्ता किताबों का मंदिर चले शिक्षा लेंगे हम
देके सस्ता हिज़ाबों का बोझ भिक्षा लेने चले हम।
कोइली की कू कू सुनने चले फिर गोली से न डरे हम
झोली पसार जैसे कोई आसार मन में शिक्षा लेंगे हम।
प्रिय शिक्षिका की बातों का मनन करे हम जनम यही
लिया है जैसे कैसे भी रातों को दिन करने चले हम।
तू भी गुलाब सा खिल जाएगा शबाब तेरा रुहाब होगा
मैं भी भरके आँखोंं में ख़्वाब विद्यालय चला लेने शिक्षा।
धूप हो या हो मिन्ह की फुहार गुहार यही है शिक्षा मां
रूप मेरा निखर जाएगा गौहर कोई आँखोँ में चमके।
शिक्षा ही तो है जो तकनीक लाए मन आँखों के कपाट
खोले जीवन को धन्य बनाए कश्ती में बैठा तैरा जाए।
संग मित्रों सखियों संग नई उम्मीद जगाए खेल रचाए
मचाए शोर तो शिक्षा पंख दे जाए उड़ने को अर्श में।
ये वो हथियार है जिससे संचार होता संसार में जान लो
संस्कृति फूले–फले भाषा माध्यम बने रोज़गार का।
इतिहास शिक्षा के दम पे रचे जाते है हम क़दम साथ चले
भले ही तूफ़ान आए साया भी डरके गुफ़ा में छिप जाए।
शिक्षा ने ही तो कयामत की इसी से हिंदुस्तान बढ़े चले
"वसुदैव कुटुंबकम" सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान" बने।
कलम बने हाथों में हथियार फिर बंदूक हो जाए ख़राब
जेहराब भी अमृत बन जाए लेके चले हाथों में किताब।