विडंबना
विडंबना
किस किस के लिए जीएँ,
किस किस के लिए मरें,
खुद के लिए जीएँ,
तो औरों ने खुदगर्ज़ी का,
मैला कीचड़ उछाला,
औरों के लिए जीएँ,
तो खुद ने बेग़रज़ी को,
एक आरोप की तरह खँगाला,
खुद के लिए मरें,
तो औरों ने बुज़दिली का,
बेरहम फँदा कस डाला,
औरों के लिए मरें,
तो खुद ने इस अस्तित्व को,
मूढ़ता का ताज पहना डाला ।