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Lakshman Jha

Abstract

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Lakshman Jha

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विदाई गीत

विदाई गीत

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मेरे साथी

आज चले हैं

होके

हमसे युदा !


किस्मत ने

क्या खेल

दिखाया

रोना आज पड़ा !


मेरे साथी

आज चले हैं

होके

हमसे युदा !


किस्मत ने

क्या खेल

दिखाया

रोना आज पड़ा !!


आज अँधेरा छाया

ऐसा पग -पग भूल रहे हैं ,

बीच भँवर में छोड़के

नैया आज ये जा रहे हैं !


आज अँधेरा छाया ऐसा

पग -पग भूल रहे हैं,

बीच भँवर में छोड़के

नैया आज ये जा रहे हैं !


हे भगवन

क्या न्याय

यही है ?

सोचो तुम भी जरा !


किस्मत ने

क्या खेल

दिखाया

रोना आज पड़ा !


जब तक तेरा साथ रहा

मुझे प्यार ही प्यार मिला,

दूर ही रहकर आपसे मिलकर

घर का प्यार मिला !


जब तक तेरा साथ रहा

मुझे प्यार ही प्यार मिला,

दूर ही रहकर आपसे मिलकर

घर का प्यार मिला !


हम भूलेंगे

प्यार ये

कैसे ?

जो जीवन

से बड़ा !


किस्मत ने

क्या खेल

दिखाया

रोना आज पड़ा !


भगवन, इनको खुश रखना

तुम जहाँ कहीं जाएँ !

हर रस्ते हर पग पर क्षण -क्षण

प्यार ही प्यार ये पाएं !


भगवन, इनको खुश रखना

तुम जहाँ कहीं जाएँ !

हर रस्ते हर पग पर क्षण -क्षण

प्यार ही प्यार ये पाएं !


यही ह्रदय का

गान

हमारा जो

दुहराना पड़ा !


किस्मत ने

क्या खेल

दिखाया

रोना आज पड़ा !


मेरे साथी

आज चले हैं

होके

हमसे युदा !


किस्मत ने

क्या खेल

दिखाया

रोना आज पड़ा !


मेरे साथी

आज चले हैं

होके

हमसे युदा !


किस्मत ने

क्या खेल

दिखाया

रोना आज पड़ा।


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