वह, जो मम्मी की गोदी चढ़ कहता है मुझको भैय्या
वह, जो मम्मी की गोदी चढ़ कहता है मुझको भैय्या
वह, जो मम्मी की गोदी चढ़ कहता है मुझको भैय्या
जब भी देखो रोता रहता
जब भी देखो सोता रहता
और कभी कुछ ना करता
वह, जो मम्मी की गोदी चढ़ कहता है मुझको भैय्या
बोल नहीं पाता है वह
खेल नहीं पाता है वह
फिर भी मुझको भाता है
वह, जो मम्मी की गोदी चढ़ कहता है मुझको भैय्या
वैसे तो वह छोटा है
गोल गोल वह गोटा है
बिन पेंदे का लोटा है
वह, जो मम्मी की गोदी चढ़ कहता है मुझको भैय्या
धोखे में ना आना जी
बुद्धू नहीं, सयाना जी
हम सबका है नाना जी
वह, जो मम्मी की गोदी चढ़ कहता है मुझको भैय्या
