तेरा मुझसे है नाता कोई
तेरा मुझसे है नाता कोई
मेरा तुझसे है पहले का नाता कोई,
वरना यूं बार - बार नहीं लुभाता कोई !
उस दिन तो मैं समयाभाव में गई थी,
शाम को टहलने उस छोटे से पार्क में !
टहलना भूल गई जैसे ही देखी तेरी अदा,
खेलने लगी तेरे संग बन कर छोटा सा बच्चा !
तू भी तो कितना खुश लग रहा था मेरे संग,
घर जाने का नाम नहीं ले रहा था अपनी धाय संग !
अगले दिन तो मैं सिर्फ तेरे कारण ही गई,
टहलने को फिर से उसी वाले पार्क में !
तू भी आया था वहां अपनी ट्राली में,
ज़ोरदार किलकारी मारी मुझे देखते ही तूने !
गोद में तुझे लेकर कितना सुकून मिला था;
यूं लगा कि तू मेरे लिए ही शायद बना था !
अब तो रोज रोज का यह सिलसिला बन गया,
अगर एक भी दिन तुझे ना देखूं तो लगता बहुत बुरा !
धीरे धीरे हो रहा है तू थोड़ा सा बड़ा,
और अब तो तू मेरे इंतजार में रहता है खड़ा ! !
तेरा मेरा प्यार भरा सिलसिला यूं ही चलता रहे,
ये नाता हमेशा के लिए पहचान पाता रहे ! !
तू बड़ा होकर जग में खूब नाम करना,
ये है तेरे लिए मेरी प्यारी सी इक दुआ !