उपदेष्टा की उपाधि
उपदेष्टा की उपाधि


समस्त गुरुजन हैं प्राज्ञता के प्रतिनिधि,
शिष्य को प्रदान करते हैं ज्ञान का निधि,
सृष्टि करते हैं समृद्ध सद्बुद्धि का उदधि,
अत्यंत आदरणीय है उपदेष्टा की उपाधि।१।
गुरुजी के उपदेश स्वयं हैं उत्कृष्ट उपलब्धि,
उनके द्वारा लांघ सकते हैं अज्ञान की वारिधि,
उनके सहित अवधि है पावन पयस पयोनिधि,
निरवधि चिरस्मरणीय है उनका सौहार्द सन्निधि।२।
प्रत्येक विद्यार्थी को शिक्षक बना सकते हैं जो गुणनिधि,
ब्रह्मर्षि वशिष्ठ विश्वामित्र अवदान किए श्रीराम को सिद्धि,
श्रीकृष्ण सम्प्राप्त किए सांदीपनि मुनि का पांडित्य परिधि,
गुरुजनों के आशीर्वचन से सम्प्राप्ति होंगे प्रसिद्धि सर्वसिद्धि।३।