उमंगों का महावर
उमंगों का महावर
उमंगों का महावर मन में लगा
आकाश में जैसे उड़ने लगी मैं।
भावनाओं की उद्धार तरंगें लिए
हवाओं के साथ बहने लगा,
उमंगों का महावर।
सपनों को सजाने लगी
ले उमंगों का महावर
साकार स्वप्न करने हेतु
चलाने लगी श्रम का हल
ले उमंगों का महावर।
श्रम सिंचित धरा महक उठी,
लहलहा उठी कर्मों की फसल
ले उमंगों का महावर।