उम्मीदों की लहरें
उम्मीदों की लहरें
लहरें उम्मीदों की दिल में उठती है बेहिसाब,
सपने भी आंखों में सजते हैं बेहिसाब।
लहरे किनारों पर आकर वापस लौट जाती है,
वैसे ही उम्मीदें भी पूरी होते-होते अधूरी रह जाती हैं।
जिंदगी में मुसीबतों के तूफान भी आते हैं,
जो हमें हालातों का सामना करना सिखाते हैं।
अबकी बार जब उम्मीदों की लहरें किनारे पर आए,
तो मेरा दामन भी खुशियों के पानी से भीग जाए।