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V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

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V. Aaradhyaa

Classics Inspirational

उजास भरी चादर से तर देंगे

उजास भरी चादर से तर देंगे

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आज की रात जो छुप गए आफ़ताब ,

तो दिपों की रौशनी से उजाला कर देंगे !


जो ना दिखे चमकते सितारे फ़लक पर ,

तो टिमटिम करते जुगनू अंधकार हर लेंगे !


काली घनी स्याह रात के वृहद आँचल को ,

कंदील और डिठौने की जगमगाहट से भर देंगे !


कालिमा की चादर जो अपने पैर और पसारे ,

तो मन के उजाले व उजास भरी चादर से तर देंगे !


करियाए ज़ब मन , और जो नींद ना आए ,

तो अपनों की दुआओं का तकिया अपने सर लेंगे!


आख़िर कब तलक अंधेरा रोकेगा रौशनी को ,

अंततःरात के हाशिए से सुबह बालअरुण जनम लेंगे !


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