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Shalini Dikshit

Inspirational

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Shalini Dikshit

Inspirational

उड़ने दो

उड़ने दो

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उड़ने दो मुझको (नारी) खुले आकाश में

मत बांधो जंजीरों में

अपनी सोच को, पसंद को

मत थोपो तुम (समाज) मुझ पर ।


सही क्या और गलत क्या

मत समझाओ हमेशा ।


हमें भी माता-पिता

दे कर गए है कुछ नसीहतें

कभी तो उन नसीहतों पर ही

भरोसा कर लो ।


गर चलूँ कभी अनैतिक राह पर

बेशक चढ़ा देना फाँसी मुझको

पर तब तक

 इंतजार तो कर लो तुम ।



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