उदासी
उदासी
मैं जब उदास था
ना जाने क्यों
जैसे
तेरा साया मेरे पास था
जब मैं उदास था।
तुमको आज भी याद करता हूं,
अश्कों को नीर बना के यादों का घड़ा आज भी भरता हूं
कहना कोई उनको जाके के मैं आज भी उनको
कितना याद करता हूं।
कोई कहता है के वो बहुत दूर गया है
मेरा दिल कहता है के होके वो शायद मजबूर गया है,
हमको तो वो याद कहां करता होगा
क्युंकि वो ढूंढने साथी मशहूर गया है।