उदास
उदास
हर पल ही दिल उदास बैठा
जैसे वो आस पास बैठा
उसकी महके यहां महक है
लगता वो पास पास बैठा
आयेगा वो जरुर मिलनें
लिए दिल में उसकी आस बैठा
उल्फ़त का जाम क्या पीयेंगा
हाथों में लिये गिलास बैठा
दिल की बोला अपने नहीं कुछ
वो आकर मेरे पास बैठा
ऐ आज़म क्या हुआ बता तू
क्यों इतना यूं निराश बैठा।
आज़म नैय्यर
