त्योहार दीपावली
त्योहार दीपावली
त्यौहारों में सबसे मोहक होता ये त्योहार,
सामाजिक, धार्मिक दृष्टि से भी है महा-त्योहार!
दीपावली और दीपोत्सव के नाम जाना जाए
एक दिन नहीं पाँच दिनों तक पर्व मनाई जाए
घर घर नमकीन, मिठाई भी खूब बाँटी जाए!
कथा अनेक, दीवाली मनाने के कारण से जुड़ी
राम जी चौदह वर्ष का वनवास खत्म कर लौटे
अयोध्या नगरी में उस दिन खुशी से दीप जले।
महीना था कार्तिक और तिथि वो अमावस्या,
पूरी हुई उस दिन भरत की भातृ प्रेम व तपस्या
महाभारत के अनुसार पांडवों की जुड़ी कहानी
तेरह वर्ष वनवास काट लौटे पांडव अपने राज्य
खुशी फैल गई चहुं ओर कि बनेंगे न्यायी राजा,
खुशी होकर सबने पूरे नगर को खूब सजाया,
अमावस्या की उस रात दीपक चहुं ओर जलाया
दीवाली की तैयारी, दशहरा से हो जाती शुरू,
साफ़ सफाई करने का सबको रहता काम,
जुटे रहते सफाई करने में बिना किसी विश्राम,
रंग रोगन भी करवाते हैं लोग दीवाली के नाम!
पुरानी चीजों को घर के काम से दे देते विराम!
मिट्टी का दीया, लक्ष्मी गणेश की मूर्ति भी खूब
रंग बिरंगी डिजाइन रंगोली, कैंडिल भरी दुकानें,
सुंदर सुंदर बिजली व बत्ती की बिकती लड़ी
मिठाई की दुकानों में मिठाइयाँ सजी हुई,
तोहफे व मेवा वाले पैकेट से बाजार भरे हुए!
आधुनिकता का रूप ले रहा है अब ये त्योहार
भव्यता दिखाने को घर को नव रूप में सजाते
तोहफे के नाम, महंगे दामों वाले पैकेट बाँटते,
पर ज़रूरत है कि हम दिखावे पर न भटकते जायें,
आओ मिलकर प्रेम से खुशी के दीप जीवन भर जलायें।